आखिर क्या है सपनों (dreams) और बड़े लक्ष्यों (high ambitions) को हासिल करने का राज़।

सफल लोगों को खुद पर पूरा विश्वास होता है क्यूंकि वो समझते हैं की ईश्वर, अल्लाह, गॉड, इनफिनिट इंटेलीजेंस (infinite intelligence) जिस भी नाम से आप उस अल्टीमेट शक्ति को याद करते हैं, उसने इंसान को बहुत ही सक्षम (capable) बनाया है। वो जानते हैं कि उनके अंदर असीम (infinite) संभावनाएं (potentials) हैं और वो जो भी ठान लें वो हासिल कर सकते हैं।

सफलता का राज़

क्या है सफलता का राज़!

–शम्स खान

कहते हैं के आपको वही मिलता है जिसकी आपको ज़रूरत होती है, वो नहीं जो आप चाहते हैं। इसी ज्ञान (wisdom) में छुपा है आपकी सफलता का राज़। आइये जानते हैं हम अपने सपनों और लक्ष्यों को कैसे अपनी ज़रूरत बना सकते हैं।

आपके मन में यह सवाल आ सकता है कि क्या हम अपनी ज़रूरत में बदलाव (manipulation) कर सकते हैं?  आखिर हमारी ज़रूरत तय कौन करता है? इसमें हमारी क्या भूमिका (role) हो सकती है?

कहाँ से आती हैं हमारी धारणायें (beliefs) ?

हम खुद अपनी जरूरत तय करते हैं। हमारी धारणाएं यह तय करती हैं कि हमारी ज़िंदगी जीने में किन चीजों की ज़रूरत है। फिर यह सवाल उठना लाज़मी है कि हमारी धारणाएं आती कहाँ से हैं। क्या ये हमारा अटूट हिस्सा (integral part) होती हैं या हम इन्हें कहीं और से हासिल (acquire) करते हैं? और सबसे महत्वपूर्ण क्या हम इन्हें बदल भी सकते हैं?

हम जिस परिवार और समाज में जन्म लेते हैं हमारी धारणाओं में उसकी स्पष्ट छाप (clear imprint) होती है। हमारे आस पास रहने वाले लोग अपनी सोच (thought), अहसास (feeling), आदत (habit), व्यहवार (behavior) के ज़रिए हमारी सोच को दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। फिर समाज अपने क़ायदे-कानून, सही-गलत की परिभाषा के ज़रिए हमारी समझ को विकसित करता है। यही सोच, समझ, वैल्यू, मानसिकता (mindset) और अनुभव मिलकर हमारी धारणाएं (beliefs) बनाती हैं।

क्या आप समझते हैं कि आप अपनी ज़िंदगी में बहुत बड़ी सफलता हासिल नहीं कर सकते?  क्या आपको लगता है कि आपके पास अपने सपनों को साकार करने के लिए पर्याप्त संसाधन (resources) नही है? क्या आप सफल लोगों को किस्मत का धनी मानते हैं? क्या आपको लगता है कि आपके लिए परिस्थितियां अनुकूल (favorable) नहीं हैं इसलिए आप अपने लक्ष्य (ambition) की दिशा में कोई पहल (initiative) नहीं कर पा रहे हैं?

ये और इन जैसी दूसरी सीमित करने वाली धारणाएं (limited beliefs) हमें अपनी क्षमताओं के अनुरूप (according to potentials) ज़िन्दगी जीने में सबसे बड़ी रुकावट हैं। जब हम सफल लोगों की धारणाओं के बारे में अध्ययन करते हैं तो पाते हैं कि वह खुद की क्षमताओं से पूरी तरह आगाह (aware) होते हैं और क्लियर विज़न के साथ अपनी ज़िन्दगी को एक बड़े लक्ष्य या मिशन में लगा देते हैं।

वह समझते हैं कि उनकी ज़िन्दगी की लगाम उनके हाथ में है उन्हें किसी बाहरी संसाधन (outer resources) का मोहताज नही बनाया गया है। ‘डर’ (fear) उनके कदमों में भी तरह तरह की बेड़ियां डालने की कोशिश करता है लेकिन वो खुद को समझाते हैं कि उनके लिए अपनी ज़िंदगी के सबसे बड़े मक़सद को हासिल न करने से बड़ा कोई और ‘डर’ नहीं हो सकता।

सफल लोगों की धारणायें कैसी होती है ।

सफल लोगों को खुद पर पूरा विश्वास होता है क्यूंकि वो समझते हैं की ईश्वर, अल्लाह, गॉड, इनफिनिट इंटेलीजेंस (infinite intelligence) जिस भी नाम से आप उस अल्टीमेट शक्ति को याद करते हैं, उसने इंसान को बहुत ही सक्षम (capable) बनाया है। वो जानते हैं कि उनके अंदर असीम (infinite) संभावनाएं (potentials) हैं और वो जो भी ठान लें वो हासिल कर सकते हैं।

उन्हें पता होता है कि जब कभी वो अपनी आदत से अलग हट कर कुछ नया करेंगे या अपने कम्फर्ट ज़ोन से बाहर कदम निकालेंगे तो शुरू में मुश्किल होगी लेकिन वह समझते हैं की इसके बिना उनका डेवलपमेंट मुमकिन नहीं। अगर परस्थितियां (circumstances) थोड़ी देर के लिए उन्हें हिला भी दें तो भी वो पूरे आश्वस्त (Confident) होते हैं कि उसपर जल्द ही काबू पा लेंगे। 

सफल लोग असफलताओं (failures) को चुनौती (challenge) की तरह लेते हैं और उन्हें इसमें कोई संदेह नही होता कि यह मुश्किलें उन्हें निखारने के लिए आती हैं। महान और सफल लोग अपनी रुचि के हिसाब से उस एक क्षेत्र (field) को चुनते हैं फिर उसमें अपने लिए एक लक्ष्य निर्धारित (goal set) करते हैं और उसमें खुद को पूरी तरह लगा देते हैं। यही उनकी ज़िंदगी का मिशन और सबसे बड़ी जरूरत होती है।

यह सकारात्मक मानसिकता (positive mindset) इन महान लोगों को ऐसी सशक्त धारणाएं (empowering beliefs) देती है जो उनके लिए कामयाबी के दरवाजे खोल देती है। जब वो पूरे लगन (commitment) और संकल्प (determination) के साथ अपने मिशन में लग जाते हैं तो ऐसे ऐसे कारनामे कर गुज़रते हैं कि दुनिया भौचक्की रह जाती है। इनमे से बहुत से कारनामे तो ऐसे होते हैं जो दुनिया को ही बदल देते हैं।

दुनिया उन्हीं का गुणगान करती है जो हालत से समझौता नहीं करते।

महात्मा गांधी के लिए ज़ुल्म के खिलाफ आवाज़ उठाना और इंसानों को उनका मूल अधिकार (basic right) दिलाना ही ज़िन्दगी का मिशन था। उन्होंने साउथ अफ्रीका में अपने प्रवास के दौरान और फिर भारत लौटकर इसके लिए अपना सब कुछ दावँ पर लगा दिया और आखिरकर अपने कुशल नेतृत्व के दम पर भारत को अंग्रेजों की ग़ुलामी के चंगुल से निकाल ही लिया।

एडिसन का दस हज़ार बार नाकाम होना भी उन्हें इलेक्ट्रिक बल्ब बनाने के अपने मकसद से डिगा नही पाया। गया, बिहार के रहने वाले दाशरथ मांझी ने अकेले ही 22 वर्षों की अनथक मेहनत के बल पर सिर्फ छेनी हथौड़े (chisel-hammer) से पहाड़ को काट कर रास्ता बना दिया था।

होंडा मोटर्स (Honda Motors) के मालिक, सोइचिरो होंडा (Soichiro Honda) ने एक मैकेनिक के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की और बहुत ही कठिन चुनौतियों का सामना करते हुए अपने दम पर ही दुनिया की सब से बड़ी मोटर कंपनियों में से एक खड़ी कर दी।

कालेज ड्रॉपआउट होने और आर्थिक तंगी के बावजूद स्टीव जॉब्स (Steve Jobs) ने पर्सनल कंप्यूटर (personal computer), आईपॉड (iPod), आईपैड (iPad), आईफोन (iPhone) जैसे गैजेट्स बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। उन्होंने एप्पल सहित कई मल्टीनेशनल कंपनियों की नीव रखी।

निक विजोकीक, जिनके चारों हाथ पैर नही हैं, अपने यूट्यूब (YouTube) वीडियो मैसेज ‘ज़िंदगी से प्रेम कीजिये और इसे पूरी तरह जीइये (‘love life and live without limit’) के ज़रिये लाखों लोगों को प्रेरित (inspire) कर रहें हैं।

हैरी पोर्टर सीरीज से अरबों की कमाई करने से पहले जे के रौलिंग (J K Rowling) मुश्किलों से भरी एक आम ज़िन्दगी जी रही थीं। मशहूर अमरीकी टॉक शो होस्ट, ओपरा विनफेरी (Oprah Winfrey) का शुरुआती जीवन मिसिसिपी, अमरीका (Mississippi, America) के देहाती इलाके में बेहद ग़रीबी में कटा। आज वो दुनिया की सबसे शक्तिशाली औरतों में से एक हैं।

अगर इनमे से किसी ने भी परस्थितियों (circumstances) से समझौता किया होता या संसाधनों (resources) की कमी के चलते अपने सपनों को जीने में कोताही की होती तो आज दुनिया उनके कारनामों से वंचित होती।

क्या आप अपनी क्षमताओं (potentials) के हिसाब से सम्पूर्ण जीवन नहीं जीना चाहेंगे? क्या आप नहीं चाहेंगे दुनिया को कुछ बेहतर कर जाएं या समाज की बेहतरी के लिए अपना योगदान दें? क्या आप ऐसी ज़िन्दगी नही चाहते जिससे लाखों लोग प्रेरित (inspire) हों?

आप भी सफल लोगों के Mindset को अपना कर अपना नाम इतिहास में दर्ज करा सकते हैं।

आपके अंदर भी क्षमताओं की कोई कमी नही। किसी न किसी क्षेत्र में आप भी बेहद प्रतिभाशाली हैं। अपनी प्रतिभा को ढूंढ कर उसे निखारिये। इसमें संसाधन, उम्र, मौका या किसी और चीज़ का अभाव मायने नहीं रखता जो चीज़ मायने रखती है वो है आपकी मानसिकता।

सफल लोगों के empowering बेलिफ़ को अपना कर आप खुद के लिए सफ़लता का रास्ता खोल सकते हैं। आप जो भी हासिल करना चाहते हैं उसे ज़िन्दगी का मिशन बना लीजिए। इसे अपने दिलो दिमाग में ऐसा बसा लीजिये के सोते जागते, दुनिया के हर रस्म निभाते यह आपको बेचैन करती रहे। पूरी लगन और आत्मविश्वास के साथ अपने सपने से जुड़े लक्ष्यों की तरफ कदम बढ़ाइए। नतीजे की परवाह किये बिना बस अपना श्रेष्ठ देने की कोशिश कीजिये, फिर देखिए आप खुद भी अपने प्रदर्शन (performance) से हैरत में होंगे।

सपनों के लिए ये जुनून इसे आपकी ज़रूरत बना देगा, फिर आपके लिए सपनों को हासिल करना बहुत ही आसान होगा।

(शम्स खान, पोलिटिकल एनालिस्ट हैं और अंग्रेज़ी न्यूज़ पोर्टल ‘Bihar Times’ से जुड़े हैं। पॉज़िटिव साइकोलॉजी में गहरी रूचि की वजह से इस क्षेत्र में हो रहे डेवलपमेंट पर नज़र रखते हैं । )

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